तेरा, डमरू, सोहणा बजता (ओ भोलेया)॥
सारा, जग, पड़ा नाचता (ओ भोलेया)॥
तेरे, डमरू की, मीठी-मीठी, तान भोलेया,
सारा, जग इसकी, तान पे, क़ुर्बान भोलेया॥
यह तो, बादलों, जैसा गरजता…(ओ भोलेया)॥
तेरा, डमरू सोहणा…
पहन के, पैरों में, झांझर मैं, नाचती फिरूं,
तेरे, डमरू की, तान पे, नाचती फिरूं॥
मेरा, पैर, भी ना रुका…(ओ भोलेया)॥
तेरा, डमरू सोहणा…
हमारा, दिल तेरे, डमरू का, दीवाना हो गया,
यह, दीवाना, हो गया, जग मस्ताना हो गया॥
हमें, चरणों में, रखना…(ओ भोलेया)॥
तेरा, डमरू सोहणा…
तेरे, शीश पर, भोले सोहणी, जटा सजती,
तेरी, जटा में, गंगा, मैया बसती॥
माथे, चंदा, सोहणा सजता…(ओ भोलेया)॥
तेरा, डमरू सोहणा…
तेरी, गले में, नागों की माला, अच्छी लगती,
तेरे, हाथ में, प्याली भांग, वाली सजती॥
पैरों में, घुंघरू, सोहणा बजता…(ओ भोलेया)॥
तेरा, डमरू सोहणा…
तेरी, जोड़ी गौरा, संग भोले, सोहणी लगती,
हमारे, दिल वाले, मंदिर में, यही बसती॥
तेरी, गोदी में गणपत, सजता…(ओ भोलेया)॥
तेरा, डमरू सोहणा…