कैलाश ऊपर डमरू बजावे भोले नाथ

कैलाश ऊपर डमरू बजावे भोले नाथ
बजावे भोले नाथ , बजावे भोले नाथ
ऊँचे पर्वत डमरू बजावे भोले नाथ
कैलाश ऊपर डमरू बजावे भोले नाथ

1 ) जब भोले का डमरू बाजे , शिव गण नाचे सारे
धरती और अंबर गूँजे , सब बोल रहे जयकारे
सुनलो नई-नई ताल , सुनावे भोले नाथ

        कैलाश ऊपर डमरू बजावे भोले नाथ…………2

2 ) जल्दी प्रसन्न होने वाले , हैं भोले भंडारी
बजा बजा के डमरु काटे , इस जग की बीमारी
विष पी के संसार को , हर्षावे भोले नाथ

        कैलाश ऊपर डमरू बजावे भोले नाथ…………2

3 ) शिव की माया ऐसी जिसको , कोई जान ना पाया
उसको भी अपना लेते ये , जो जग ने ठुकराया
भूलन से बालक को भी , अपना वे भोले नाथ

         कैलाश ऊपर डमरू बजावे भोले नाथ…………2

Leave a Comment